अलग-अलग स्वभाव के लोगों चालाकी से बात की शुरुआत कैसे करेंअलग-अलग स्वभाव के लोगों से करें दोस्ती दो स्तों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है. ये बात हम सब जानते हैं. यहां मैं आपको एक सुझाव दे रही हूं कि दोस्त भी अलग-अलग प्रकार के बनाएं. किसी एक दोस्त के सहारे आप जीवन नहीं काट सकते. यदि काट भी लें, तो आप पूरी तरह ग्रो नहीं कर पायेंगे. अलग-अलग स्वभाव के दोस्त ही आपको अलग-अलग तरह से ग्रो करने में मदद करते हैं. सोचनेवाली बात है. यदि आप बहुत बड़ी समस्या में हैं, तो आपको ऐसा कोई चाहिए होगा जो आपको सही सलाह दे. यदि ऐसे में आपके पास केवल जिंदगी के प्रति गंभीर नहीं है, तो वह आपके दक्षा वैदकर--
सक्सेस सीढ़ी.... एक दोस्त है, जो घमक्कड़ टाइप का है,
किसी काम का नहीं रह जायेगा. अब अगर आपका मूड मस्ती का है और आपका एकमात्र दोस्त गंभीर किस्म का है, तो आप मजा नहीं कर सकेंगे.
बात करने का सही तरीका क्या है:
हर इनसान के पास कम-से-कम पाँच प्रकार के दोस्त होने ही चाहिए, यदि करेगा. हर वक्त आपका हौसला बढ़ायेगा, आपको सुझाव देगा. दूसरा दोस्त बनाएं, गंभीर स्वभाव का दोस्त, जो जिंदगी के प्रति थोड़ा गंभीर हो और सिद्धांतों का पक्का हो. आपसे बिना डरे, आपको आपकी कमियां बता सके. तीसरा दोस्त ऐसा बनाएं, जो हंसमुख स्वभाव का हो. जो आपको तुरंत हंसा सके. जब भी आप बोर हों, उदास हों, वह आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला दे. चौथा दोस्त बनाएं, जो घूमने-फिरने का शौकीन हो. आज हर कोई घूमना चाहता है, दुनिया देखना चाहता है, नये-नये अनुभव लेना चाहता है. दिक्कत आती है, तो ऐसे साथी की जो बिना हिचकिचाहट आपके साथ घूम-फिर सके, मस्ती कर सकें. तो तलाशना शुरू कर दें ऐसा दोस्त जो मस्तीखोर हो और घूमने का शौकीन हो. पांचवा दोस्त ऐसा बनाएं, जो आपसे बिल्कुल उलट स्वभाव का हो. आप दिन बोलें, तो वह रात बोले. ऐसे दोस्तों से विभिन्न मुद्दों पर बहस करके आपका ज्ञान भी बढ़ेगा. इस तरह की खट्टी-मीठी दोस्ती आपको बहुत अच्छी बातें सीखा जायेगी.
चालाकी कैसे सीखें:-
आपके पास नहीं हैं, तो अभी से तलाश शुरू कर दें. पहला दोस्त बनाएं, हौसला बढ़ानेवाला दोस्त. यह दोस्त आपको मुश्किल समय से बाहर निकलने में मदद
बात पते की...
अलग-अलग मूड व वक्त के हिसाब से दोस्तों में भीं वैरायटी रखें. साथ ही सभी दोखों के लिए बराबर वक्त भी निकालें उन्हें बराबर सम्मान दें दोस्त बनाते वक्त सावधानी बरतें और जब दोस्ती कर लें, तो उसे ईमान
साथ से निभाएं, कोशिश करें कि आप भी अच्छे दोस्त बन सकें.
अलग-अलग स्वभाव के लोगों चालाकी से बात की शुरुआत कैसे करें ,
एक hindi story हाती है तोता। एक तोता बहुत लंबे समय से पिंजरे में रह रह कर तंग आ चुकी थी। वह खुला आकाश में उड़ना चाहते थे। बार प्रयत्न करके, आखिरकार तोता पिंजरे से उड़कर बाहर जंगल में आ पहुंचे। तोते को जंगल का वातावरण बहुत पसंद आ गया। हर रोज तरह तरह के मीठे फल खाते थे। पाब्लो जैसे उछलते फिरते जंगल के चारों ओर घूमते थे। अपना जीवन बहुत खुशी खुशी बिताने लगी। एक दिन तोते को एक बड़ा पेड़ के नीचे सोता हुआ एक खाते- दिखाई पड़े। उसे ऐसे देखते ही तोते को एक नटखट उपाय आया चाहे जो कुछ भी हो वह हाथी को परेशान करके उसे नींद से जगाना है।
बहुत तेजी से पेड़ के ऊपर से नीचे आए अपने चोंच से हाथी की सूंड पर जूबी उस चोट से हाते जा गई। आँखें खोलकर देखी। तोता पेड़ के ऊपर जाकर हंसने लगे। हातिम नाराज होकर कहे अरे तोता क्या परेशानी है। तोता ने जवाब दे मजाक से मेरे दोस्त हंसने लगी। खाते को कुछ फर्क नहीं पड़ा आँखे बंद करके फिर से सो गई। कुछ देर बाद तोता फिर से नीचे हाते के पास आकर दुबारा उसको परेशान किया और तुरंत वहां से उड़कर पेड़ के ऊपर चली गई। आते गुस्से से चिल्लाई तो फिर से आ गए क्या कुछ काम नहीं रह गया। लेकिन तोते को यह बहुत मजाक लगा। बार बार ऐसी शरारतें करने लगी। आते तंग आ चुके थे कुछ करना नहीं चाहा वहां से उठकर चले गए। तोते को और मजा आ गया। फिर से एक और बार तेजी से जाकर हाथी को अपने चोंच से जूबी हांकते क्रोधित हो गए। कुछ न कुछ करके उस तोते को सबक सिखाने,,,,,,
निर्णय ले। हाते तालाब के पास गई। अपने सिर को छोड़ बाकी का पूरा शरीर पानी में डूबा है। इसको देख तोते को बहुत मजा आया। सोचे हरे देखो मैंने से डरकर हाते पानी में जाकर छिप गए खूब नाचने लगे। फिर से तोता वहां जाकर हाते के ऊपर बैठ गई। खाते को चबाना चाहिए। आपको पता था कि तोता आएगी इसलिए उसने पहले से ही अपने फोन में पानी भरकर रखें। तोता चुगने वाले थे इतने में आते पानी को झट कैसे तोते पर झोंके तोते को बहुत जोर से लगा तालाब में गिर गए ज्ञान के लिए तड़प रहे थे। खाते को तोते पर दया कर उसको पानी से बाहर निकालकर जमीन पर फेंक दे। तोते ने खाते से क्षमा मांगी उसका बहुत अच्छा सबक मिला। हाते जोर से हारकर वहां से चले गए। अब तोते को बड़ा और छोटे के बीच अंतर पता चल गया। सीख मजाक करने का भी एक हद होती है उसे जान व्यवहार करना है। दूसरों के द्वारा तुम आदर चाहते हो तो पहले दूसरों का आदर करो।
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